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On Independence Day, people across the country eagerly look forward to celebrating India’s freedom and reminding themselves of how far we have come as a nation. In celebration of this landmark day, we round up a list of 10+ best poems on India independence day. Celebrate the day with these inspiring poems on the spirit of freedom.
Short Independence Day Poems In English
- I love My Nation
With Himalayas in the north
Indian ocean in the south
Arabian sea in the west
Bay of Bengal in the east.
I love my nation
With developed culture
And beautiful sculpture
The people have no rest
To do their work best.
I love my nation
They give us rice in ration
They dress in latest fashion
They do many inventions
Which are about fiction.
I love my nation
With number of hill station
Which are God’s creation
It give us protection
And save us from tension - My India
Not where the musk of happiness blows,
Not where darkness and fears never tread;
Not in the homes of perpetual smiles,
Nor in the heaven of a land of prosperity
Would I be born
If I must put on mortal garb once more…- P.Yogananda Tagore
- Colorful India
Our’s is a land of sages,
Known for bravery for ages.
None can with it compete,
Its culture none can beat.
Whatever caste or religion,
All live here in unison.
With rivers, sweet fountains,
It's a land of high mountains.
Its green forests are pretty,
And are a source of prosperity.
Let’s for it work hard,
For its safety, be on guard. - On this Independence Day
On this Independence Day
We remember the years past.
We honor this very day
For our flag, old glory, has last.
On this Independence Day
Two centuries ago, we
Declared our independence
For justice and liberty.
Let us celebrate with joy and honesty
Happy Independence Day!!!
Heart Touching Desh Bhakti Poem On 15 August | Patriotic Poem In Hindi
- Mera Desh
Pyara pyara mera desh,
Sajaa-sanwaara mera desh,
Duniya jis par garv kare–
Nayan sitaara mera desh.
Chaandi-sona mera desh,
Safal salona mera desh,
Sural jaisa aalokit–
Sukh ka kona mera desh.
Phoolon waala mera desh,
Jhoolon waala mera desh,
Ganga-Yamuna ki maala ka,
Phoolon waala mera desh.
Aage jaaye mera desh,
Nit naye muskaaye mera desh.
Itihaason mein barh-charh kar
Naam likhaaye mera desh - Hum Bacche Hindustan Ke
Nanhe nanhe pyaare pyaare,
Gulshan ko mehakaane waale,
Sitaare zameen par laane waale
Hum bacche Hindustan ke.Naye jamaane ke diwaale,
Toofaan se na darne waale,
Kahalaate hain himmat waale,
Hum bacche Hindustan ke.Chalate hain hum shaan se,
Bachate hain hum dvesh se,
Aan pe ho jaaye kurbaan,
Hum bacche Hindustan ke - हम बच्चे
हम बच्चे हँसते गाते हैं।
हम आगे बढ़ते जाते हैं।पथ पर बिखरे कंकड़ काँटे,
हम चुन चुन दूर हटाते हैं।आयें कितनी भी बाधाएँ,
हम कभी नही घबराते हैं।धन दौलत से ऊपर उठ कर,
सपनों के महल बनाते हैं।हम खुशी बाँटते दुनिया को,
हम हँसते और हँसाते हैं।सारे जग में सबसे अच्छे,
हम भारतीय कहलाते हैं।-Dr. Parshuram Shukla
Poem On Freedom Fighters In Hindi | Swatantrata Senaniyon Par Kavita
- बलिदान वीरों का
करने आये हैं हम नमन
बलिदानी वीरों को।
चल पड़ते थे जो अंगारों पर
मातृभूमि को करके नमन।
उम्र ना पूछो
धर्म ना पूछो
इस मिट्टी के रखवालों की।
चल पड़े जो अंधियारों में
अत्याचारों का करने अन्त।लहू बहाया धरती पर
जैसे बहता हो गंगा का पावन जल।
नहीं रुके यह, नही झुके यह,
वीर अमर बलिदानी थे।
कल का सूरज देखेगें वह
अपने ध्वज के नीचे।
करके प्रण जब बढे कदम
अंग्रेजों के भी छक्के छूटे थे।कोई नरम था, कोई गरम था
कोई थी बेटी जैसे लक्ष्मी बाई।
आजाद होगा देश हमारा
मन में सबने ठानी थी। - जब भारत आज़ाद हुआ था
जब भारत आज़ाद हुआ था
आजादी का राज हुआ था
वीरों ने क़ुरबानी दी थी
तब भारत आज़ाद हुआ थाभगत सिंह ने फांसी ली थी
इंदिरा का जनाज़ा उठा था
इस मिटटी की खुशबू ऐसी थी
तब खून की आँधी बहती थीवतन का ज़ज्बा ऐसा था
जो सबसे लड़ता जा रहा था
लड़ते लड़ते जाने गयी थी
तब भारत आज़ाद हुआ थाफिरंगियों ने ये वतन छोड़ा था
इस देश के रिश्तों को तोडा था
फिर भारत दो भागो में बाटा था
एक हिस्सा हिन्दुस्तान थादूसरा पाकिस्तान कहलाया था
सरहद नाम की रेखा खींची थी
जिसे कोई पार ना कर पाया था
ना जाने कितनी माये रोइ थी,ना जाने कितने बच्चे भूखे सोए थे,
हम सब ने साथ रहकर
एक ऐसा समय भी काटा था
विरो ने क़ुरबानी दी थी
तब भारत आज़ाद हुआ था - देशभक्ति की सुगंध
हवाएँ मिट्टी की यह खुशबू
आखिर कहाँ से लाती हैं।
जब शहीद होता हैं कोई वतन पर,
तो वो अपनी महक इस मिट्टी मे छोड़ जाते हैं।अगर वतन एक गुलीशता हैं,
तो यह फूल बन जाते हैं।
चलती हैं जब भी मन्द हवा इस बगीया से,
तो देशभक्ति की सुगंध साथ ले आती हैं।फूल तो खिलकर,
फिर मुरझा जाते हैं।
जो होते हैं शहिद वतन पर,
वो सदा के लिए खिले रह जाते हैं।कहानियाँ इनकी सबको हैं भाती,
जब मिलता हैं मौका,
कुछ इनके जैसे बनने का,
ये हमारी प्रेरणा शक्ति बन जाते हैं। - तिरंगे का क़र्ज़
लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरो की गाथा गायी,
गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की,
ध्वनि चारो और है छायी,
भगत , राजगुरु और , सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई ||ऐ भारत माता तुझसे अनोखी,
और अद्भुत माँ न हमने पाय ,
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की,
एक एक बूँद समायी
माथे पर है बांधे कफ़न ,
और तेरी रक्षा की कसम है खायी,
सरहद पे खड़े रहकर,
आजादी की रीत निभाई...